शिव पुराण : सृष्टि का वर्णन | विधेश्वर संहिता | अध्याय 15

शिव पुराण : सृष्टि का वर्णन | विधेश्वर संहिता | अध्याय 15

इस एपिसोड में हम शिव पुराण के पंद्रहवें अध्याय से सृष्टि की उत्पत्ति का गूढ़ रहस्य जानेंगे। नारद जी के प्रश्न के उत्तर में ब्रह्माजी बताते हैं कि सृष्टि की रचना किस प्रकार हुई और इसमें भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा की भूमिका क्या है।

  • सृष्टि की शुरुआत:
    भगवान शिव के आदेश और उनकी कृपा से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना करने का संकल्प लिया। इस दौरान विष्णु भगवान ने उन्हें मार्गदर्शन दिया।

  • अंड का प्रकट होना:
    ब्रह्माजी ने जल में एक अंड (ब्रह्मांड) की रचना की, जिसमें चौबीस तत्व मौजूद थे। इसे चेतना प्रदान करने के लिए विष्णु भगवान और ब्रह्माजी दोनों ने इसमें प्रवेश किया।

  • विभिन्न सर्गों की रचना:
    ब्रह्माजी ने महत्तत्त्व, भूत, वैकारिक जैसे सर्गों का निर्माण किया। इसके साथ ही सनक, सनंदन जैसे चार कुमारों और अन्य जीवों की रचना की।

  • शिव का आशीर्वाद:
    भगवान शिव प्रकट होकर ब्रह्माजी को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें सिखाते हैं कि सृष्टि में जीवों का निर्माण मोह और माया के बंधन से मुक्त हो।

यह एपिसोड सृष्टि के गूढ़ रहस्यों को उजागर करता है और यह दिखाता है कि कैसे भगवान शिव की कृपा से समस्त जगत की रचना हुई। इसे सुनना हर शिवभक्त और ज्ञान-प्रेमी के लिए प्रेरणादायक होगा।

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